बदलता समाज है। न पता क राज है । लेकिन जो भी है , उसपे मुझे नाज है। आयेगा कल उसका आगाज है । अब नफरतों का ताज है । सबका बोलता यमराज है । कुछ की कलह नमाज है । कुछ चिढ़ते राम से यही सच्चा राज है। फूल बनके जियो । दम लगा के पियो। जीते हो जैसे बस वैसे ही जियो । गलत ना कहियो हिल मिल के रहियो । जो होगा विस्फोट तबाह सभी होंगे । लड़ोगे आपस में मजा सभी लेंगे । हिल मिल के रहियो