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मैंने जन्नत नहीं देखी, माँ देखी है, जो मुझे अपने प

मैंने जन्नत नहीं देखी, माँ देखी है,
जो मुझे अपने प्यार की पनाह देती है,
गमों की आंधी से बचा लेती है,
मेरी बलाओं को वो अपने सिर लेती है,
मार के थपकी मुझे सुला देती है।
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है,माँ देखी है,
मेरी हजारों गलतियां वो छुपा लेती है,
जो मुझे सही रास्ता दिखा देती है,
जो देर रात तक मेरी राह तकती है,
वो माँ है जो खुशी और गम को पहचान लेती है, 
जब आती है उसके बच्चों पर आंच, 
तो वो मजहब भूल जाती है,
वो मंदिर भी जाती है, मस्जिद भी जाती है
सलामती के लिए अपने बच्चे की,
हर दर पे माथा टेक आती है,
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है, माँ देखी है। मैंने जन्नत नहीं देखी, माँ देखी है।
#yqbaba #yqdidi #yqhindi #mother #motherlove #mymom_mylife #yqpoetry #shivanshuलखनवी
मैंने जन्नत नहीं देखी, माँ देखी है,
जो मुझे अपने प्यार की पनाह देती है,
गमों की आंधी से बचा लेती है,
मेरी बलाओं को वो अपने सिर लेती है,
मार के थपकी मुझे सुला देती है।
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है,माँ देखी है,
मेरी हजारों गलतियां वो छुपा लेती है,
जो मुझे सही रास्ता दिखा देती है,
जो देर रात तक मेरी राह तकती है,
वो माँ है जो खुशी और गम को पहचान लेती है, 
जब आती है उसके बच्चों पर आंच, 
तो वो मजहब भूल जाती है,
वो मंदिर भी जाती है, मस्जिद भी जाती है
सलामती के लिए अपने बच्चे की,
हर दर पे माथा टेक आती है,
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है, माँ देखी है। मैंने जन्नत नहीं देखी, माँ देखी है।
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