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From 66 to 6 Hello बचपन, मुझे अच्छे से याद है बचप

From 
66 to 6 Hello बचपन,
मुझे अच्छे से याद है बचपन में जब तुम सर्दियों को छुट्टियों में शिमला से सोनीपत नानी के घर आते थे न, अक्सर तुम्हें खो जाने की आदत थी।
तब नाना जी बोलते कहां ढूंढ रहे हो, वो अंदर वाली छोटी कोठडी में होगा।
तब मुझसे पूछा जाता कि क्या सोचते हो यहां पर?
मुझे खुद ही नहीं पता था क्या सोचता हूं, बस कहीं खो जाता मैं और घंटों उसी में खोया रहता। मैंने कभी बचपन में बचपन वालीं मस्ती नहीं देखी.. ना कभी कुछ पाने की जिद्द की, 8 साल की उम्र से सुनना शुरू किया कि तुम अब बड़े हो गए हो, मुझे समझ ही नही आत
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66 to 6 Hello बचपन,
मुझे अच्छे से याद है बचपन में जब तुम सर्दियों को छुट्टियों में शिमला से सोनीपत नानी के घर आते थे न, अक्सर तुम्हें खो जाने की आदत थी।
तब नाना जी बोलते कहां ढूंढ रहे हो, वो अंदर वाली छोटी कोठडी में होगा।
तब मुझसे पूछा जाता कि क्या सोचते हो यहां पर?
मुझे खुद ही नहीं पता था क्या सोचता हूं, बस कहीं खो जाता मैं और घंटों उसी में खोया रहता। मैंने कभी बचपन में बचपन वालीं मस्ती नहीं देखी.. ना कभी कुछ पाने की जिद्द की, 8 साल की उम्र से सुनना शुरू किया कि तुम अब बड़े हो गए हो, मुझे समझ ही नही आत

Hello बचपन, मुझे अच्छे से याद है बचपन में जब तुम सर्दियों को छुट्टियों में शिमला से सोनीपत नानी के घर आते थे न, अक्सर तुम्हें खो जाने की आदत थी। तब नाना जी बोलते कहां ढूंढ रहे हो, वो अंदर वाली छोटी कोठडी में होगा। तब मुझसे पूछा जाता कि क्या सोचते हो यहां पर? मुझे खुद ही नहीं पता था क्या सोचता हूं, बस कहीं खो जाता मैं और घंटों उसी में खोया रहता। मैंने कभी बचपन में बचपन वालीं मस्ती नहीं देखी.. ना कभी कुछ पाने की जिद्द की, 8 साल की उम्र से सुनना शुरू किया कि तुम अब बड़े हो गए हो, मुझे समझ ही नही आत #yqquotes #yqबचपन #yqlettertoself