कोई यहाँ किसी का नहीं,सब रैन बसेरा है प्रिये पलक झपकते ही स्वपन सा,ओझल संसार है प्रिये। चलना है सबको छोड़ यहाँ,अपने सुख-दुख का भार प्रिये, करना है कर लो आज उसे,कल पर किसका अधिकार प्रिये। ~भगवतीचरण वर्मा , ( तुम अपनी हो, जग अपना है _के अंश) Greetings from Kautukii.. collab your original couplet with the couplet of - ~श्री भगवतीचरण वर्मा ❇Highlight the quote first. ❇Collab on the Quotes of kautukii. ❇write a 2 liner original composition/couplet ,purely in hindi,No plagiarism please.