जात-पात मे समाज बट रहा था। जनता परेशान थी। नफरत की आग फैल रही थी कार्यकर्ता ओ को जेल हो रही थी नेताओ की खिचड़ी पक रही थी मानव दानव बन गया था व्यवस्था अस्थाव्यस्थ थी लेकीन गद्दी सुरक्षित थी ताज जिन की वजह से पहने वो परेशान थे और ताज पहने सत्ता के नशे मे चुर थे। ©shital sharma #politics #Dange #neta #janata #election