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Full of Ambition and hope बाग में जिस दिन

Full of Ambition and hope 







बाग में जिस दिन सहादात खिली थी
 संकल्प बनके मिट्टी से सजी थीं
आंखो में उस दिन क्रांति जगी थी


इंकलाब सुनके हकूमत डरी थी
लटकती थी लासे वो लासे नहीं थी
आज़ाद भारत की बुनियाद सजी थी
ब्रिटिश हकुमत  थरथरा  ने लगी थी
क्रान्ति की लाखो मसाले जली थी
आज़ाद भारत बनके खड़ी थी


आज़ाद भारत बनाया था जिसने

वीरो की सहादत धड़कती हर दिल में

भगत सिंह सुखदेव राजगुरु को सत सत नमन 🌹🌹🌹
जय हिंद

©ar rathod ashvath #इंकलाबजिंदाबाद 

#shaheeddiwas
Full of Ambition and hope 







बाग में जिस दिन सहादात खिली थी
 संकल्प बनके मिट्टी से सजी थीं
आंखो में उस दिन क्रांति जगी थी


इंकलाब सुनके हकूमत डरी थी
लटकती थी लासे वो लासे नहीं थी
आज़ाद भारत की बुनियाद सजी थी
ब्रिटिश हकुमत  थरथरा  ने लगी थी
क्रान्ति की लाखो मसाले जली थी
आज़ाद भारत बनके खड़ी थी


आज़ाद भारत बनाया था जिसने

वीरो की सहादत धड़कती हर दिल में

भगत सिंह सुखदेव राजगुरु को सत सत नमन 🌹🌹🌹
जय हिंद

©ar rathod ashvath #इंकलाबजिंदाबाद 

#shaheeddiwas