मुझको शिकायत है तुमसे, कि तुम मुझे समझते नहीं। मेरी आँखों में तुम्हारे लिए जो प्यार है, उसे पढ़ते नहीं। अक्सर दोस्तों की बातों में गौर करते हो, उनसे मिलते हो। मुझसे तो दूर भागते हो, मेरी बातों में क्यूँ गौर करते नहीं। मैं कैसे बताऊँ तुम्हें, कि क्या है मेरे दिल में तुम्हारे लिए। तुम कभी दो पल को मेरे पास आकर क्यूँ ठहरते नहीं। चलो मान लिया कि तुम्हें मुझसे, बेइंतहा मोहब्बत है। पर शिकायत ये है कि, क्यूँ तुम मुझसे कभी लड़ते नहीं। मैं तुम्हारी राह तकते तकते, थककर सो जाती हूँ अक्सर। मेरे दिल में तुम्हारी क्या जगह है, क्यूँ तुम समझते नहीं। मैं जब तक तुम्हारी आवाज ना सुन लूँ मुझे चैन नहीं आता। तू मुझको कभी इस तरह, चाहते नहीं, क्यूँ प्यार करते नहीं। ♥️ Challenge-573 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।