कुछ क्षणिको की साँस अभी चेतन हैं मुझमे अब कोई अवरोधों को भेज दें पूरा करना हैं एक अधूरा काव्य मैं एक अंजुली भर ख़्वाबों को उड़ेल देना चाहती हूँ उन नन्हे किरदारों के पास जिनसे मुझे हैं प्रतिपल आस बाधाओं के दलदल में वो लिखेंगे फिर से मेरे ख्वाबो का आकाश #ख्वाबों #का #आकाश