Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुम्हारा वक्त.... मैं हर रोज कोशिश करता हूँ कि चन

तुम्हारा वक्त.... 
मैं हर रोज कोशिश करता हूँ कि चन्द पन्नो में तुम्हारे साथ बिताया हुआ,मेरा समय बयाँ करूँ परंतु में हर रोज हार जाता हूँ। वैसे मैंने जीवन में कई हार देखी हैं,चाहे वो मेरे सामने तुम्हारे हाथों में किसी और के नाम की मेहंदी का लगना हो या तुम्हारी विदाई के दिन तुम्हारा किसी और के कंधे पर सिर टिकाना हो। इस प्रकार की हारों से में कभी हतोत्साहित नहीं हुआ। लेकिन जिस प्रकार आज मैं खुद को हारा हुआ महसूस कर रहा हूँ। मुझे ऐसा लग रहा है कि जैसे तुम्हारे साथ बिताया मेरा वक्त कभी मेरा था ही नहीं। क्या वो तो तुम्हारा था ? शायद हाँ,तुम्हारे लिए ही तो मैं बंक करता था। अपनी क्लासों को। तुम्हारे लिए ही तो मैं नही जाता था छुट्टियों में घर,बस ये सोचकर कि कॉलेज की शांत सड़को पर तुम्हारे साथ कुछ वक्त को बिताऊंगा।
..... #जलज कुमार #raindrops तुम्हारा वक्त.... 
मैं हर रोज कोशिश करता हूँ कि चन्द पन्नो में तुम्हारे साथ बिताया हुआ,मेरा समय बयाँ करूँ परंतु में हर रोज हार जाता हूँ। वैसे मैंने जीवन में कई हार देखी हैं,चाहे वो मेरे सामने तुम्हारे हाथों में किसी और के नाम की मेहंदी का लगना हो या तुम्हारी विदाई के दिन तुम्हारा किसी और के कंधे पर सिर टिकाना हो। इस प्रकार की हारों से में कभी हतोत्साहित नहीं हुआ। लेकिन जिस प्रकार आज मैं खुद को हारा हुआ महसूस कर रहा हूँ। मुझे ऐसा लग रहा है कि जैसे तुम्हारे साथ बिताया मेरा वक्त कभी मेरा था ही नहीं क्या वो तो तुम्हारा था ? शायद हाँ,तुम्हारे लिए ही तो मैं बंक करता था। अपनी क्लासों को। तुम्हारे लिए ही तो मैं नही जाता था छुट्टियों में घर,बस ये सोचकर कि कॉलेज की शांत सड़को पर तुम्हारे साथ कुछ वक्त को बिताऊंगा।
..... #जलज कुमार
तुम्हारा वक्त.... 
मैं हर रोज कोशिश करता हूँ कि चन्द पन्नो में तुम्हारे साथ बिताया हुआ,मेरा समय बयाँ करूँ परंतु में हर रोज हार जाता हूँ। वैसे मैंने जीवन में कई हार देखी हैं,चाहे वो मेरे सामने तुम्हारे हाथों में किसी और के नाम की मेहंदी का लगना हो या तुम्हारी विदाई के दिन तुम्हारा किसी और के कंधे पर सिर टिकाना हो। इस प्रकार की हारों से में कभी हतोत्साहित नहीं हुआ। लेकिन जिस प्रकार आज मैं खुद को हारा हुआ महसूस कर रहा हूँ। मुझे ऐसा लग रहा है कि जैसे तुम्हारे साथ बिताया मेरा वक्त कभी मेरा था ही नहीं। क्या वो तो तुम्हारा था ? शायद हाँ,तुम्हारे लिए ही तो मैं बंक करता था। अपनी क्लासों को। तुम्हारे लिए ही तो मैं नही जाता था छुट्टियों में घर,बस ये सोचकर कि कॉलेज की शांत सड़को पर तुम्हारे साथ कुछ वक्त को बिताऊंगा।
..... #जलज कुमार #raindrops तुम्हारा वक्त.... 
मैं हर रोज कोशिश करता हूँ कि चन्द पन्नो में तुम्हारे साथ बिताया हुआ,मेरा समय बयाँ करूँ परंतु में हर रोज हार जाता हूँ। वैसे मैंने जीवन में कई हार देखी हैं,चाहे वो मेरे सामने तुम्हारे हाथों में किसी और के नाम की मेहंदी का लगना हो या तुम्हारी विदाई के दिन तुम्हारा किसी और के कंधे पर सिर टिकाना हो। इस प्रकार की हारों से में कभी हतोत्साहित नहीं हुआ। लेकिन जिस प्रकार आज मैं खुद को हारा हुआ महसूस कर रहा हूँ। मुझे ऐसा लग रहा है कि जैसे तुम्हारे साथ बिताया मेरा वक्त कभी मेरा था ही नहीं क्या वो तो तुम्हारा था ? शायद हाँ,तुम्हारे लिए ही तो मैं बंक करता था। अपनी क्लासों को। तुम्हारे लिए ही तो मैं नही जाता था छुट्टियों में घर,बस ये सोचकर कि कॉलेज की शांत सड़को पर तुम्हारे साथ कुछ वक्त को बिताऊंगा।
..... #जलज कुमार