मैं अपनी आंखों में आंसुओं को सहेज कर रखता हूं। पर पता नहीं क्यों, काफी दिनों बाद तुम्हारी आवाज़ सुनी तो आंखें भर आईं। और वो आंखों में बंधा हुआ अश्रु बांध टूट गया, सारा इश्क़ बह गया, या ये कहूं कि फिर से इश्क़ हो गया।। आंखें और आंसू मैं अपनी आंखों में आंसुओं को सहेज कर रखता हूं। पर पता नहीं क्यों, काफी दिनों बाद तुम्हारी आवाज़ सुनी तो आंखें भर आईं। और वो आंखों में बंधा हुआ अश्रु बांध टूट गया, सारा इश्क़ बह गया, या ये कहूं कि फिर से इश्क़ हो गया।।