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कुछ जज़्बात हैं दिल मे मगर बता नही सकता। जमाने से

कुछ जज़्बात हैं दिल मे मगर बता नही सकता।
जमाने से डर लगता है सामने आ नही सकता।

मेरे साथ दूसरो की जिंदगी अंधेरो मे ना गुजरे।
इसलिये जलती हुई शम्मा बुझा नही सकता।

वक्त आने पर शायद जमाना सच से रुबरु हो।
अभी मेरे ख्वाबो की ताबीर मै बता नही सकता।

अल्फाज़ कहीं गुम हैं मेरे मुकद्दर की स्याही मे।
मै अपनी किस्मत की तस्वीर बना नही सकता।

        #SHADAB AHMAD #Resolution_2020 
#quotes
#shayri
#storirs
#nojoto
कुछ जज़्बात हैं दिल मे मगर बता नही सकता।
जमाने से डर लगता है सामने आ नही सकता।

मेरे साथ दूसरो की जिंदगी अंधेरो मे ना गुजरे।
इसलिये जलती हुई शम्मा बुझा नही सकता।

वक्त आने पर शायद जमाना सच से रुबरु हो।
अभी मेरे ख्वाबो की ताबीर मै बता नही सकता।

अल्फाज़ कहीं गुम हैं मेरे मुकद्दर की स्याही मे।
मै अपनी किस्मत की तस्वीर बना नही सकता।

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