किस देश में ‘मातृदेवो भव, पितृदेवो भव’ कहा जाता है? केवल भारत में। इसलिए नहीं कि वे हमको शरीर देते हैं जिसमें हमारा आत्मा आकर सौ साल रहता है। शरीर को पैदा करने के लिए किसी प्रशिक्षण की जरूरत किसी भी मां को नहीं पड़ती। किसी भी प्राणी की मां क्यों न हो। धरती के पास बीज का विकल्प भी नहीं होता। सच्चाई यह भी है कि गुठली के अनुरूप ही आम लगते हैं। यही तो वंशवाद का आधार है। :💕👨☕☕☕☕☕🍨🍨🍨🍫🍫🍫🍹🍹🍉🍸🍉🍉🍉🍉🍉🍓🍓 Good morning ji : एक बच्चे ने छुट्टी मांगी कि उसकी माता का देहान्त हो गया है। छुट्टी मिल गई। कुछ दिन बाद छुट्टी मांगी कि पिता का देहान्त हो गया है। छुट्टी मिल गई। फिर कुछ दिन बाद माता के और फिर पिता के देहान्त के लिए छुियां ले गया। अगली बार जब फिर मां के देहांत की अर्जी लाया, तो शिक्षक ने पूछ ही लिया कि छुट्टी तो मिल जाएगी, किन्तु तुम्हारे माता-पिता कितने हैं? बच्चे का उत्तर था— ‘बस एक मां-एक बाप।’ ‘किन्तु इससे अधिक तो मर चुके।’ बच्चे ने तपाक से कहा— ‘सर, वो भी सही थे। जब मां मरी, तब पिता ने दूसरी शादी कर ली और जब पिता मरते, मां दूसरी शादी कर लेती। 😂😂😂😂😂😂🐒🐒🐒🍸🍉🍉🍓🍹🍫 : #komal sharma #shweta mishra