सेहत जरूरी है क्यूंकि शरीरमाद्यं खलु धर्म साधनम्।। अर्थात् शरीर ही धर्म (शरीर एवं मन के लिए आवश्यक भाव,विचार एवं क्रियाकलापों) का आदि साधन है। स्वस्थ व्यक्ति अपना एवं अन्य किसी का भी हित साधन कर सकता है। हित भुक्,मित भुक् एवं ऋत भुक् (भोजन) साथ ही रुचे, पचे एवं जुटे का आर्ष प्रदत्त आयुर्वेद सम्मत सूत्र का जीवन में उपयोग सर्वथा कल्याणकारी है। ©Awadhesh Kumar Shailaj विश्व के जन-जन को विश्व स्वास्थ्य दिवस की हार्दिक शुभकामना। #HealthDay2021