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*अजीब विंडम्बना हैं, भारत मे राजनीति एक रोजगार है।

*अजीब विंडम्बना हैं, भारत मे राजनीति एक रोजगार है। कुछ समय पहले की बात है*🤔 

फिलीपीन्स के राष्ट्रपति *रोड्रिगो दुतारते* भारत आये थे और भारतीय संसद को संबोधित करने के बाद वो भारतीय सांसदों से मिलने लगे और उन्होंने भारतीय सांसदों से पूछा कि आप क्या करते है?
(ऐसा उन्होंने दो-तीन बार पूछा)

भारतीय सांसदों को समझ नही आया कि फिलीपीन्स के महामहिम आखिर जानना क्या चाहते हैं?

फिर उन्होंने प्रश्न को बदल कर पूछा कि आपकी आय के क्या साधन है?

अधिकतर सांसदों ने कहा कि राजनीति से ही हमारी आय होती है, सांसदों को मिलने वाले भत्ते, वेतन और पेंशन ही हमारी आय का मुख्य जरिया है।

*रोड्रिगो दुतारते* को बड़ा आश्चर्य हुआ कि इतने बड़ी संख्या वाले विकासशील लोकत्रांतिक व्यवस्था में सांसद, मंत्री,राष्ट्रपति सिर्फ वेतन और भत्ते पर निर्भर हैं और ये पैसा जनता से टैक्स में वसूल किया गया है।

फिर उन्होंने हल्के से मुस्कुरा कर भारतीय सांसदों से कहा कि वे स्वयं पेशे से किसान है और उनकी आय का प्रमुख जरिया खेती है। 

उन्होंने बताया कि वो रोज सुबह 5 बजे खेत पहुँच जाते हैं और अपने खेत के काम निपटाने के बाद 9 बजे वापस आ कर राष्ट्रपति वाले ऑफिस की तैयारी करते हैं और 10 बजे से देश के राष्ट्रपति वाले कर्तव्य निभाते हैं।

*जिस दिन इस देश में राजनीति व्यवसाय नहीं बल्कि सेवा हो जायेगी, उस दिन असली लोकतंत्र की स्थापना होगी। तब तक झेलते रहिये इस लोभतांत्रिक प्रणाली को।* #Politics  in india
*अजीब विंडम्बना हैं, भारत मे राजनीति एक रोजगार है। कुछ समय पहले की बात है*🤔 

फिलीपीन्स के राष्ट्रपति *रोड्रिगो दुतारते* भारत आये थे और भारतीय संसद को संबोधित करने के बाद वो भारतीय सांसदों से मिलने लगे और उन्होंने भारतीय सांसदों से पूछा कि आप क्या करते है?
(ऐसा उन्होंने दो-तीन बार पूछा)

भारतीय सांसदों को समझ नही आया कि फिलीपीन्स के महामहिम आखिर जानना क्या चाहते हैं?

फिर उन्होंने प्रश्न को बदल कर पूछा कि आपकी आय के क्या साधन है?

अधिकतर सांसदों ने कहा कि राजनीति से ही हमारी आय होती है, सांसदों को मिलने वाले भत्ते, वेतन और पेंशन ही हमारी आय का मुख्य जरिया है।

*रोड्रिगो दुतारते* को बड़ा आश्चर्य हुआ कि इतने बड़ी संख्या वाले विकासशील लोकत्रांतिक व्यवस्था में सांसद, मंत्री,राष्ट्रपति सिर्फ वेतन और भत्ते पर निर्भर हैं और ये पैसा जनता से टैक्स में वसूल किया गया है।

फिर उन्होंने हल्के से मुस्कुरा कर भारतीय सांसदों से कहा कि वे स्वयं पेशे से किसान है और उनकी आय का प्रमुख जरिया खेती है। 

उन्होंने बताया कि वो रोज सुबह 5 बजे खेत पहुँच जाते हैं और अपने खेत के काम निपटाने के बाद 9 बजे वापस आ कर राष्ट्रपति वाले ऑफिस की तैयारी करते हैं और 10 बजे से देश के राष्ट्रपति वाले कर्तव्य निभाते हैं।

*जिस दिन इस देश में राजनीति व्यवसाय नहीं बल्कि सेवा हो जायेगी, उस दिन असली लोकतंत्र की स्थापना होगी। तब तक झेलते रहिये इस लोभतांत्रिक प्रणाली को।* #Politics  in india