मुझे तो अब खुद से डर लग रहा है हुआ क्या है जो इतना बुरा लग रहा है संग रहते थे खाते-पीते थे सब साथ में जाने क्यों अब हर सख्श बुरा लग रहा है। 【सियासत हो, या हो हुक़ूमत सब शामिल है बराबर से कौन कहता है? हम अकेले ही गुनाहगार थे इन हालातों के....】 कौन कहता है...