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जिंदगी से गुजारिश है ले चल वहाँ जहाँ चंद लम्हे सु

जिंदगी से गुजारिश है ले चल वहाँ 
जहाँ चंद लम्हे सुकूंन के गुजार सकूं 
फर्क नहीं पड़ता वो मंदिर है या मस्जिद
वहाँ छोड़ दे मुझे जहाँ खुद से मिल सकूं।

©Rajeev Bhardwaj लेखक #Raजीव#Bhardwaj
जिंदगी से मिल सकूं
जिंदगी से गुजारिश है ले चल वहाँ 
जहाँ चंद लम्हे सुकूंन के गुजार सकूं 
फर्क नहीं पड़ता वो मंदिर है या मस्जिद
वहाँ छोड़ दे मुझे जहाँ खुद से मिल सकूं।

©Rajeev Bhardwaj लेखक #Raजीव#Bhardwaj
जिंदगी से मिल सकूं
rajeevbhardwaj8724

Raj k alfaz

Gold Star
Super Creator