कब तक रहे कोई किसी के इंतजार में, एक हद के बाद ये तसल्लियाँ अच्छी नही लगती।। और आँखे बरस रही है कि वर्षो बाद मिलेंगे, पर सूनी महफ़िल में ये बात अच्छी नही लगती।। #शुभम ©शुभम_किरवाड़ा #paper