ख़ुद से ख़फा क्यों रहते हो तुम मुझसे जुदा-जुदा क्यों रहते हो तुम बातें जो मन में दबी पड़ी कहीं साँसें उनको क्यों नहीं देते हो तुम कहना है जो कुछ तुमको मुझसे खुलकर क्यों नहीं सब कह देते हो तुम नाराज़गी जो भरी पड़ी दिल में बाहर निकाल क्यों नहीं देते हो तुम माना शिकवे-शिकायतें हैं तुमको अपना हक क्यों नहीं जता देते हो तुम अगर चाहते हो दूर हो जाऊँ तुमसे मंशा अपनी क्यों नहीं बता देते हो तुम नहीं लगता अच्छा यदि साथ मेरा साथ छोड़ क्यों नहीं तब देते हो तुम बनते हो अनजान,मेरे दिल से तुम अपने दिल को क्यों नहीं समझाते हो तुम होना है ख़फा,हो जाओ मुझसे तुम ख़ुद से ख़फा क्यों रहते हो तुम...! Muनेश...Meरी✍️ 🌹 ख़ुद से ख़फ़ा क्यों रहते हो, हमसे जुदा क्यों रहते हो! #ख़ुदसेख़फ़ा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi