मेरे एब देख, मुझमें कमी निकाल । सहरा हो रही है आंख कुछ नमी निकाल । कागज़ों पर ये शेर पुराने हो गए । कुछ अलग ला " अज़ीम" नई जमीं निकाल । azeem khan # सहरा हो रही है आंख #