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बैठे है सदियों से इक फूल को पाने की चाहत लिए ; ख़ा

बैठे है सदियों से इक फूल को पाने की चाहत लिए ;
ख़ामोश हैं लब आज तक दिल में इक ब़गाबत लिए !

मुद्दतों से तूझे भूल जाने की कोशिश में हूं मगर;
चलता रहा हूं आगे, तूझे याद करने की आदत लिए!

बदलते रहे दुनिया में लोग, क़िस्मत ओ ख़ुदा हर दफ़ा;
कायम है हम अपनी इक मासूम सी इब़ादत लिए!

जलाए तमाम पन्ने तुमने, मेरे जज़्बात कि किताब़ के पर;
हम खड़े है  संभाले हुए ,अपने दिल की इब़ारत लिए!!

बढ़ती रहीं हैं रोज ही गम़-ओ-रंज़िशें ज़िन्दगी में मगर:
हम इत्मीनान में है, तेरे लौट आने की राहत लिए!

DR Mehta

©Durgesh Mehta #careless #alone #Love
बैठे है सदियों से इक फूल को पाने की चाहत लिए ;
ख़ामोश हैं लब आज तक दिल में इक ब़गाबत लिए !

मुद्दतों से तूझे भूल जाने की कोशिश में हूं मगर;
चलता रहा हूं आगे, तूझे याद करने की आदत लिए!

बदलते रहे दुनिया में लोग, क़िस्मत ओ ख़ुदा हर दफ़ा;
कायम है हम अपनी इक मासूम सी इब़ादत लिए!

जलाए तमाम पन्ने तुमने, मेरे जज़्बात कि किताब़ के पर;
हम खड़े है  संभाले हुए ,अपने दिल की इब़ारत लिए!!

बढ़ती रहीं हैं रोज ही गम़-ओ-रंज़िशें ज़िन्दगी में मगर:
हम इत्मीनान में है, तेरे लौट आने की राहत लिए!

DR Mehta

©Durgesh Mehta #careless #alone #Love