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आधुनिकता के नाम पे जीवन रोगमय बना रहे, उल्टी प्रथा

आधुनिकता के नाम पे जीवन रोगमय बना रहे,
उल्टी प्रथाएं चला, बीमारियां लगा, लूट मचा रहे !
जमीन पे बैठ के खाना बनाया करते थे हम जमाने से,
अब खड़े खड़े खाना बनाने का रिवाज़ चला रहे !!

जीवन रोगमय बनाने का सिलसिला ही चल रहा,
बीमारियों के साथ दवाओं का दाम दिन दूना बढ़ रहा !
जमीन पे बैठ के खाना खाने का भी रिवाज़ ही न रहा ,
अब टेबल कुर्सी पे खाना खाने का ही चलन चल रहा !!

इसी सिलसिले में हमारी और भी कई आदतें बदली हैं,
बीमारियों के इजाफे में इनका योगदान भी बड़ा ही है !
जमी पे बैठ के लघु-दीर्घ शंका समाधान अब करना ही नहीं है,
अब खड़े खड़े या कमोठ पे बैठ समाधान का रिवाज़ ही हैं !!

कॉरपोरेट की साजिशें यहीं तक नहीं थमी,
बीमारियों से रोग नियंत्रित हुआ रोगमुक्ति न मिली !
मधुमेह हृदयरोग की दवाएं मरने तक लेनी ही लेनी,
हृदयरोग से डरा अवांछित स्टेम्स के स्कैम्स की भी प्रथा चली !!

आओ हम गावों को समृद्ध रोजगार सक्षम बनाएं !
पुराने रिवाजों से प्रकृति के सानिध्य में जीना सीख जाएं !
पेड़ों से अपार प्राणवायु दिन रात पाएं,
प्रदूषण से जीवन ज़हरीला बनाने से बाज़ आएं !!

प्लास्टिक में चाय आदि गरम पेय केंसर बढ़ाता है,
जनजागृति पे कागज़ी कप में छद्म प्लास्टिक लगाया जाता है !
प्लास्टिक पर्यावरण को सैंकड़ों साल तक सताता है,
इन्सान है कि कैंसर को हर दिन सुबह शाम बुलाता है !! 
हे राम...                                                (क्रमश...)
आवेश हिन्दुस्तानी 09.3.2024

©Ashok Mangal #AaveshVaani 
#JanMannKiBaat 
#health
#heathlylife
आधुनिकता के नाम पे जीवन रोगमय बना रहे,
उल्टी प्रथाएं चला, बीमारियां लगा, लूट मचा रहे !
जमीन पे बैठ के खाना बनाया करते थे हम जमाने से,
अब खड़े खड़े खाना बनाने का रिवाज़ चला रहे !!

जीवन रोगमय बनाने का सिलसिला ही चल रहा,
बीमारियों के साथ दवाओं का दाम दिन दूना बढ़ रहा !
जमीन पे बैठ के खाना खाने का भी रिवाज़ ही न रहा ,
अब टेबल कुर्सी पे खाना खाने का ही चलन चल रहा !!

इसी सिलसिले में हमारी और भी कई आदतें बदली हैं,
बीमारियों के इजाफे में इनका योगदान भी बड़ा ही है !
जमी पे बैठ के लघु-दीर्घ शंका समाधान अब करना ही नहीं है,
अब खड़े खड़े या कमोठ पे बैठ समाधान का रिवाज़ ही हैं !!

कॉरपोरेट की साजिशें यहीं तक नहीं थमी,
बीमारियों से रोग नियंत्रित हुआ रोगमुक्ति न मिली !
मधुमेह हृदयरोग की दवाएं मरने तक लेनी ही लेनी,
हृदयरोग से डरा अवांछित स्टेम्स के स्कैम्स की भी प्रथा चली !!

आओ हम गावों को समृद्ध रोजगार सक्षम बनाएं !
पुराने रिवाजों से प्रकृति के सानिध्य में जीना सीख जाएं !
पेड़ों से अपार प्राणवायु दिन रात पाएं,
प्रदूषण से जीवन ज़हरीला बनाने से बाज़ आएं !!

प्लास्टिक में चाय आदि गरम पेय केंसर बढ़ाता है,
जनजागृति पे कागज़ी कप में छद्म प्लास्टिक लगाया जाता है !
प्लास्टिक पर्यावरण को सैंकड़ों साल तक सताता है,
इन्सान है कि कैंसर को हर दिन सुबह शाम बुलाता है !! 
हे राम...                                                (क्रमश...)
आवेश हिन्दुस्तानी 09.3.2024

©Ashok Mangal #AaveshVaani 
#JanMannKiBaat 
#health
#heathlylife
ashokmangal4769

Ashok Mangal

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