उस पार भी टुकड़े फैले है दलदल के कोई देखे तो सही सब धीर है मुसीबतों में कोई देखे तो सही बिखरे हैं जेहन में नुकीले कांच कोई देखे तो सही सबका हृदय कैद है दिखावे के मंजर में कोई देखे तो सही टपक रही कतरे की एक एक बूंद कोई देखे तो सही वीरान पड़ी सुनसान बस्तियां काली रातों से कोई देखे तो सही Yãsh🖊 #Thinking #Emotion #deeppoem #Poetry #Quote #Reality