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खुदा से देखो कितना डर रहा हूं मै, तिजोरी जेब दोनों

खुदा से देखो कितना डर रहा हूं मै,
तिजोरी जेब दोनों भर रहा हूं मै,

मेरा भाई भूखा है तीसरे दिन का,
ओर चोथी बार उमरा कर रहा हूं मै,

नमाज़ी हूं में पांचों वक़्त का ,
मगर झूठा कारोबार कर रहा हूं मै,

मस्जिद संगे मर्मर की बना कर,
पड़ोसी को मगर तंग कर रहा हूं मै,

इमान की हिफाज़त मेरा मकसद,
ग़ैर–इमान वालो के तरीको पर मगर चल रहा हूं मै,

विरासत बहन की चुपके से खाकर,
माफ़ी की इल्तेजा कर रहा हूं मै,

ये चाहता हूं कि गैर–इमान वाले हो मुसलमान,
शरीयत से मगर खुद डर रहा हूं मै,

सुन्नत के खिलाफ सारे काम करके,
मगर नबी से मोहब्बत का दम भर रहा हूं में,

मुझे अल्लाह से उम्मीद ए रहमत,
मगर दिन रात चोरी कर रहा हूं में,

खुदा से देखो कितना डर रहा हूं मै,
तिजोरी जेब दोनों भर रहा हूं मै
#Gazali #Gül@@m é Àlì F@kéér Mú@vìy@ z@f@r g@z@lì
खुदा से देखो कितना डर रहा हूं मै,
तिजोरी जेब दोनों भर रहा हूं मै,

मेरा भाई भूखा है तीसरे दिन का,
ओर चोथी बार उमरा कर रहा हूं मै,

नमाज़ी हूं में पांचों वक़्त का ,
मगर झूठा कारोबार कर रहा हूं मै,

मस्जिद संगे मर्मर की बना कर,
पड़ोसी को मगर तंग कर रहा हूं मै,

इमान की हिफाज़त मेरा मकसद,
ग़ैर–इमान वालो के तरीको पर मगर चल रहा हूं मै,

विरासत बहन की चुपके से खाकर,
माफ़ी की इल्तेजा कर रहा हूं मै,

ये चाहता हूं कि गैर–इमान वाले हो मुसलमान,
शरीयत से मगर खुद डर रहा हूं मै,

सुन्नत के खिलाफ सारे काम करके,
मगर नबी से मोहब्बत का दम भर रहा हूं में,

मुझे अल्लाह से उम्मीद ए रहमत,
मगर दिन रात चोरी कर रहा हूं में,

खुदा से देखो कितना डर रहा हूं मै,
तिजोरी जेब दोनों भर रहा हूं मै
#Gazali #Gül@@m é Àlì F@kéér Mú@vìy@ z@f@r g@z@lì