पापा की परी नन्हीं नन्हीं गुडिया जैसी, बातें करती बुढिया जैसी, छोटे छोटे पायल पहने खेलती रहती पूरे कर को, पापा कहते परी उसे ,मम्मी की थी गुडिया वो। मासूम शरारतें और गजब की जिद्दी, दौडा़ करती भाईयों के पीछे। जान वो घर की, नन्ही सी पापा की थी वो परी। कल तक जहाँ खेली घर-घर, आज चली छोड़ वही घर। छोटी सी तो थी वो, ना जाने कब हो गई इतनी बडी़ नन्हीं सी जान थी वो, आज विदा हो ससुराल चली। . निभाने दुनिया का दश्तूर चली। पंख फैला ये परी अपने पापा को छोड़ चली।। ~बिहारन❤ #papakipari #विदाई #😔 #TheVoiceOfSoul #Biharan😇