बिना पानी की मछली जिस तरह हरदम तड़पती है मैं जब तक घर न पहुंचू मां मेरी बेचैन ,,,,,,,,,,,,,,,, रहती है,, भूपेन शायर,,, एक शाम मां के नाम,,,,,, ,,,,,,,,, अलीगढ़,,,,