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"दर्पण" कहानी कैप्शन मे पढें ।। हर चित्र और हर च

"दर्पण"

कहानी कैप्शन मे पढें ।। 
हर चित्र और हर चरित्र आपको जीवन में अनुभव देता है,कुछ सिखा के जरुर जाता है । पर एक शख्स ऐसा भी होता है जो आपके जीवन का आधार,नजरिया और विश्वास को बदल के रख देता है ।

जिन लोगो को नहीं पता उन्हें बता दूँ की मै इंजिनियर हूँ,तो इंजिनियर की जिन्दगी में बहुत कुछ सिखने को मिलता है ।

जब नया नया कॉलेज में एडमिशन लिया तो मेरे विचार ज़माने से सटके चलने लगे थे,बचपन से इमानदारी,उसूल जैसे चीजे घर के संस्कारो में कूट कूट के भरी गयी पर जब मैंने ज़माने की असलियत जानी तो बईमानी भी वाजिब लगने लगी,और सच तो यह भी था की ईमानदारी से हमेशा आपको समझौता करना पड़ता है पर बईमानी सरल होती है । यह वो दौर था जब मै ज़माने के बराबर आने के लिए किसी को मदद करने के लिए मना भी कर देता था पर फिर अंतरात्मा दिनों दिनों तक सवाल करती रहती थी । इस दुविधा का कोई उपचार नहीं दिख रहा था,एक तरह से मै उस ढोंगी फरेबी दुनिया का हिस्सा बनना चाहता था तो दूसरी तरफ मेरा मन मुझे विचलित करता रहता था । मै उस प्रकार का आदमी था की अगर मज़बूरी में कूड़ा कूड़ेदान में ना फेंक पाया तो यह बात भी मुझे परेशान कर देगी ।

बांग्लादेश से आया वो शख्स दिखने में आम भारतीय की तरह लग रहा था,वही बंगाली मिठास जुबान पे,सांवला रंग और घने काले लेकिन छोटे बाल,कोई उसे मिलकर यह नहीं बोल सकता था की यह बांग्लादेश का है । उसकी हिंदी समझने बोलने से वो भारतीय बंगाली लगता था और भारत से उसका ख़ास प्रेम था,मुझसे ज्यादा उसने मेरा देश घुमा था । हिन्दू धर्म और राजनीती में उसकी काफी अच्छी पकड़ थी । सीधा साधा आम आदमी दीखता था,उम्र में मुझसे करीब 3-4 साल बड़ा था  ।
"दर्पण"

कहानी कैप्शन मे पढें ।। 
हर चित्र और हर चरित्र आपको जीवन में अनुभव देता है,कुछ सिखा के जरुर जाता है । पर एक शख्स ऐसा भी होता है जो आपके जीवन का आधार,नजरिया और विश्वास को बदल के रख देता है ।

जिन लोगो को नहीं पता उन्हें बता दूँ की मै इंजिनियर हूँ,तो इंजिनियर की जिन्दगी में बहुत कुछ सिखने को मिलता है ।

जब नया नया कॉलेज में एडमिशन लिया तो मेरे विचार ज़माने से सटके चलने लगे थे,बचपन से इमानदारी,उसूल जैसे चीजे घर के संस्कारो में कूट कूट के भरी गयी पर जब मैंने ज़माने की असलियत जानी तो बईमानी भी वाजिब लगने लगी,और सच तो यह भी था की ईमानदारी से हमेशा आपको समझौता करना पड़ता है पर बईमानी सरल होती है । यह वो दौर था जब मै ज़माने के बराबर आने के लिए किसी को मदद करने के लिए मना भी कर देता था पर फिर अंतरात्मा दिनों दिनों तक सवाल करती रहती थी । इस दुविधा का कोई उपचार नहीं दिख रहा था,एक तरह से मै उस ढोंगी फरेबी दुनिया का हिस्सा बनना चाहता था तो दूसरी तरफ मेरा मन मुझे विचलित करता रहता था । मै उस प्रकार का आदमी था की अगर मज़बूरी में कूड़ा कूड़ेदान में ना फेंक पाया तो यह बात भी मुझे परेशान कर देगी ।

बांग्लादेश से आया वो शख्स दिखने में आम भारतीय की तरह लग रहा था,वही बंगाली मिठास जुबान पे,सांवला रंग और घने काले लेकिन छोटे बाल,कोई उसे मिलकर यह नहीं बोल सकता था की यह बांग्लादेश का है । उसकी हिंदी समझने बोलने से वो भारतीय बंगाली लगता था और भारत से उसका ख़ास प्रेम था,मुझसे ज्यादा उसने मेरा देश घुमा था । हिन्दू धर्म और राजनीती में उसकी काफी अच्छी पकड़ थी । सीधा साधा आम आदमी दीखता था,उम्र में मुझसे करीब 3-4 साल बड़ा था  ।
namitraturi9359

Namit Raturi

New Creator

हर चित्र और हर चरित्र आपको जीवन में अनुभव देता है,कुछ सिखा के जरुर जाता है । पर एक शख्स ऐसा भी होता है जो आपके जीवन का आधार,नजरिया और विश्वास को बदल के रख देता है । जिन लोगो को नहीं पता उन्हें बता दूँ की मै इंजिनियर हूँ,तो इंजिनियर की जिन्दगी में बहुत कुछ सिखने को मिलता है । जब नया नया कॉलेज में एडमिशन लिया तो मेरे विचार ज़माने से सटके चलने लगे थे,बचपन से इमानदारी,उसूल जैसे चीजे घर के संस्कारो में कूट कूट के भरी गयी पर जब मैंने ज़माने की असलियत जानी तो बईमानी भी वाजिब लगने लगी,और सच तो यह भी था की ईमानदारी से हमेशा आपको समझौता करना पड़ता है पर बईमानी सरल होती है । यह वो दौर था जब मै ज़माने के बराबर आने के लिए किसी को मदद करने के लिए मना भी कर देता था पर फिर अंतरात्मा दिनों दिनों तक सवाल करती रहती थी । इस दुविधा का कोई उपचार नहीं दिख रहा था,एक तरह से मै उस ढोंगी फरेबी दुनिया का हिस्सा बनना चाहता था तो दूसरी तरफ मेरा मन मुझे विचलित करता रहता था । मै उस प्रकार का आदमी था की अगर मज़बूरी में कूड़ा कूड़ेदान में ना फेंक पाया तो यह बात भी मुझे परेशान कर देगी । बांग्लादेश से आया वो शख्स दिखने में आम भारतीय की तरह लग रहा था,वही बंगाली मिठास जुबान पे,सांवला रंग और घने काले लेकिन छोटे बाल,कोई उसे मिलकर यह नहीं बोल सकता था की यह बांग्लादेश का है । उसकी हिंदी समझने बोलने से वो भारतीय बंगाली लगता था और भारत से उसका ख़ास प्रेम था,मुझसे ज्यादा उसने मेरा देश घुमा था । हिन्दू धर्म और राजनीती में उसकी काफी अच्छी पकड़ थी । सीधा साधा आम आदमी दीखता था,उम्र में मुझसे करीब 3-4 साल बड़ा था । #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqstory #yqchallenge #रेखाचित्र