ऐक अजीब रिस्ता है मेरे उसके दरमियाँ उसे मजा आ रहा है मुझे तड़पाने मे, मुझे मजा आ रहा है उसके लिए टूट जाने मे। उसे मजा आ रहा है मुझे रुलाने मे, मुझे मजा आ रहा है उसके लिए इस दिल को तड़पाने मे। उसे मजा आ रहा है मेरे ऐहसाँसों को ठुकराने मे, मुझे मजा आ रहा है उसके ठोकरों से चोट खाने मे। देखते हैं ये सिलसिला कब तक चलती है, मुझे तो मजा आ रहा है अपनी सजा को उसकि मजा बनाने मे।। by sundaram mishra #NojotoQuote जितना चाहों आजमा के देखलो टूट भी गया तो क्या, मिट्टी तो इश्क की दहलीज का ही बनूंगा