रोना तो मर्द भी चाहता है, मगर.......उसके आंसू, गिरवी पड़े होते हैं समाज के पास, जो.....उससे कहता है, कि....., मर्द को दर्द नहीं होता कभी। ©kamlesh pratap singh #Thinking sad shayri