#5LinePoetry फिज़ाओं की तरह जमाने की नसीयत बदल रही। यूं ही जिंदगी धीरे धीरे एक डाल पर अटक रही। तेरी माने या ना माने, मैं खुद की नसीयत बदल रही। - इट्स @नसी यत