क्यों ना हम एक ऐसा मुल्क बनाएं, जहां सिर्फ़ लेखक, शायर कवियों को बसाएं, जहां मज़हब के नाम पे बस, ग़ज़लें, नज़्में, शायरी, कविता सुनाई जाएं ©Abhishekism💕 #Abhishekism @poeticatma