एक का मिल एक से फिर एक ही हो जाना ये अजब हिसाब रूहों का मैंने भी है जाना जहां से चले फिर पहुंचे दुनिया वहीं पर मिले दस्तूर मुहब्बत का ये बोलो किसने न जाना . धीर एक हो जाना