एक शहीद की होली... ***************** एक शहीद की आत्मा बोली, हमने भी खेली थी होली, बंदूक से निकली थी गोली.. तुम्हें मुबारक हो ये होली.. हमने भी गुलाल उड़ाया था, मिट्टी से तिलक लगाया था, हम भी साथी थे हम झोली, तुम्हें मुबारक हो ये होली... हमने भी रंग लगाया था, खून अपना बहाया था, पिचकारी बंदूक सी गोली , तुम्हें मुबारक हो ये होली दुश्मन को अभिमान था , हमारे लिये वो अंजान था, हमारी राहे कभी ना डोली, तुम्हें मुबारक हो ये होली.... अपनों का तब नहीं साथ था, दिल में देश -प्रेम का जज्बात था, मातृ - रक्षा में खाली गोली, तुम्हें मुबारक हो ये होली... ©Uma Vaishnav #kavy #Holi Praveen Storyteller सत्य