ड़र लगता हैं ना खत्म होने वाले इंजतार से, झूठे जज्बात से, तन्हाई भरे उस आलम से, हाँ ड़र लगता हैं मुझे, झूठे प्यार से, झूठे रिश्तों के बंधनों से, कशमकश भरी उस जिंदगी से, हाँ में डरती नहीं मगर ड़र लग जाता है मुझे कभी-कभी इस तूफ़ान से, #ड़र