कुछ बातें अधूरी हैं.... कुछ खत्म सी हो गयी.. कैसे कहे ये ज़िंदगी.. बिन तेरे अधूरी रह गयी.. वफा की आग में जलती; दो प्यारी अधूरी कहाँनिया... तड़प रही हैं..एक-दूसरे के; मिलन आगोश में समाने को! पर वक्त की आंधी बन तूफान सी जिंदगी सामने खड़ी हैं! खत्म ना होने वाली दास्ताने मोहब्बत; तेरा रास्ता निहारे द्वार पर खड़ी हैं! कब आयेगा मेरे मन का मीत! बस यही गीत गुनगुनाये जा रही! दिल में समा लो हमे एक बार!. मन में बसा लो हमे यार! ये कविता नहीं मेरे दिल की कहानी हैं! ये जिंदगी अब तेरे बिन अधूरी कहानी हैं! ©Monika Shah तेरी-मेरी अधूरी कहानी #Love