झूठ बोलने के बाद, वो बात याद रखना ज़रूरी है, किसी को बनाकर अपना उसे समझना ज़रूरी है। राधे-कृष्ण के जैसे प्रेम की करते जो हम कल्पना, फिर वैसी मुकम्मल गहराई भी परखना ज़रूरी है। औरों को वो देते नहीं, जो हमें अपने लिये चाहिए, अलग होकर भी अपने जैसा ही लगना ज़रूरी है। अजनबी में भी ढूँढ़ा जा सकता है अक्स अपने का, करके उसे याद दिल का यूँही धड़कना ज़रूरी है। हम छेड़े भी नहीं साज़, और वो सुन भी ले 'धुन', फिर कुछ कहने से पहले, कुछ सुनना ज़रूरी है। Rest Zone आज का शब्द 'मुकम्मल' #rzmph #rzmph224 #मुकम्मल #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #feelings