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अब जागने का समय है आया, व्यंग का तरु भी मुस्काया।

अब जागने का समय है आया,
व्यंग का तरु भी मुस्काया।
कितने जगती के गीतों में,
नये सुरों का गान है आया।।

योगेश कुमार मिश्र"योगी" आपना गीत......
अब जागने का समय है आया,
व्यंग का तरु भी मुस्काया।
कितने जगती के गीतों में,
नये सुरों का गान है आया।।

योगेश कुमार मिश्र"योगी" आपना गीत......

आपना गीत...... #Poetry