माँ।।
ममता की देके छावं,काटो से बचाए पावं,
हदय मे प्रेम, अनुराग का सैलाब है।
देती संस्कार ,धरो संयम सबल बनो,
रहो स्वाभिमानता से, हर माँ का ख्वाब है।
चाहे देवी देव गण ,चाहे जीव-जन्तु पशु,
सृष्टि का कण-कण, माँ के आधीन है।
सहती अखंड पीर, नीर पी जाती है, #कविता#MothersDay2021