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प्रेम की रूमानियत हो सकती है; घटा जैसी; हवा जैसी;

प्रेम की रूमानियत हो सकती है;
घटा जैसी; हवा जैसी; फूलों जैसी;
हक़ीकत ऐसी नहीं होती।

ये होती है कठोर;
ज़मीं जैसी सूरज जैसा।

आसान है;
प्रेम की इस राह पर चलना;
मंज़िल कभी आसान नहीं होती।

प्रेम की रूमानी राहों में;
कुछ भी संभव कर सकती हो तुम;
तुम बह सकती हो घटाओं में;
उड़ सकती हो हवाओं में;
बिखर सकती हो बन कर खुशबू फिज़ाओं में;
पर हक़ीकत ज़मीं होती है।

और ज़मीं पे चल कर;
सूरज तक जाना ही;
प्रेम की मंज़िल को पाना है।

और बाकी सब;
तुम्हारी रूमानी आँखों का स्वप्न;
आसान है सपनों को आँखों में रखना;
सपनों की मंज़िल कभी आसान नहीं होती।  #रूमानियत@LOVEGRAPHY
प्रेम की रूमानियत हो सकती है;
घटा जैसी; हवा जैसी; फूलों जैसी;
हक़ीकत ऐसी नहीं होती।

ये होती है कठोर;
ज़मीं जैसी सूरज जैसा।

आसान है;
प्रेम की इस राह पर चलना;
मंज़िल कभी आसान नहीं होती।

प्रेम की रूमानी राहों में;
कुछ भी संभव कर सकती हो तुम;
तुम बह सकती हो घटाओं में;
उड़ सकती हो हवाओं में;
बिखर सकती हो बन कर खुशबू फिज़ाओं में;
पर हक़ीकत ज़मीं होती है।

और ज़मीं पे चल कर;
सूरज तक जाना ही;
प्रेम की मंज़िल को पाना है।

और बाकी सब;
तुम्हारी रूमानी आँखों का स्वप्न;
आसान है सपनों को आँखों में रखना;
सपनों की मंज़िल कभी आसान नहीं होती।  #रूमानियत@LOVEGRAPHY