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तज़ुर्बा कभी उम्र का मोहताज नहीं होता, बस हालात और

तज़ुर्बा कभी उम्र का मोहताज नहीं होता,
 बस हालात और मुसीबतें इंसान को समझदार बना देती है I zindagi kisi ki mohtaaj nahi hoti...
तज़ुर्बा कभी उम्र का मोहताज नहीं होता,
 बस हालात और मुसीबतें इंसान को समझदार बना देती है I zindagi kisi ki mohtaaj nahi hoti...

zindagi kisi ki mohtaaj nahi hoti... #Shayari