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*📝“सुविचार"*📝_ 🌼 *“22/8/2021”*🎁 ✨ *“रविवार”*🎊

*📝“सुविचार"*📝_
🌼 *“22/8/2021”*🎁
✨ *“रविवार”*🎊

“रक्षाबंधन”... 
“भाई-बहन” के “पवित्र बंधन” का एक “पवित्र पर्व” ... 
कहते है कि “रक्षाबंधन” के “त्योहार” की शुरुआत “देव-दानव के युद्ध” से हुई थी। उस “युद्ध” में “देवता” हारने लगे। “भगवान इंद्र” घबरा कर “देवगुरु बृहस्पति” के पास पहुंचे। वहां बैठी “इन्द्र की पत्नी इंद्राणी” सब सुन रही थी। उन्होंने “रेशम का धागा” “मन्त्रों की शक्ति” से पवित्र करके अपने “पति” के हाथ पर बांध दिया। “संयोग” से वह “श्रावण पूर्णिमा” का दिन था। 
उस “अभिमंत्रित धागे” की शक्ति से 
“देवराज इंद्र” ने “असुरों” को परास्त कर दिया।
यह धागा भले ही “पत्नी” ने “पति” को बांधा था, 
लेकिन इसे धागे की “शक्ति” सिद्ध हुई और 
फिर कालांतर में बहनें भाई को रक्षा बांधने लगीं,
तो आज के इस “पावन दिवस” पर आप 
सभी अपनी “बहन” की रक्षा सदैव करें,
और उनके “जीवन” में सदैव “प्रसन्नता”,
“प्रेम” और “आत्मविश्वास” भरें...
_*अतुल शर्मा🖋️📝*_

©Atul Sharma _*📝“सुविचार"*📝_ 
_🌼 *“22/8/2021”*🎁_
✨ _*“रविवार”*_🎊

#“रक्षाबंधन”

#“भाई-बहन”
*📝“सुविचार"*📝_
🌼 *“22/8/2021”*🎁
✨ *“रविवार”*🎊

“रक्षाबंधन”... 
“भाई-बहन” के “पवित्र बंधन” का एक “पवित्र पर्व” ... 
कहते है कि “रक्षाबंधन” के “त्योहार” की शुरुआत “देव-दानव के युद्ध” से हुई थी। उस “युद्ध” में “देवता” हारने लगे। “भगवान इंद्र” घबरा कर “देवगुरु बृहस्पति” के पास पहुंचे। वहां बैठी “इन्द्र की पत्नी इंद्राणी” सब सुन रही थी। उन्होंने “रेशम का धागा” “मन्त्रों की शक्ति” से पवित्र करके अपने “पति” के हाथ पर बांध दिया। “संयोग” से वह “श्रावण पूर्णिमा” का दिन था। 
उस “अभिमंत्रित धागे” की शक्ति से 
“देवराज इंद्र” ने “असुरों” को परास्त कर दिया।
यह धागा भले ही “पत्नी” ने “पति” को बांधा था, 
लेकिन इसे धागे की “शक्ति” सिद्ध हुई और 
फिर कालांतर में बहनें भाई को रक्षा बांधने लगीं,
तो आज के इस “पावन दिवस” पर आप 
सभी अपनी “बहन” की रक्षा सदैव करें,
और उनके “जीवन” में सदैव “प्रसन्नता”,
“प्रेम” और “आत्मविश्वास” भरें...
_*अतुल शर्मा🖋️📝*_

©Atul Sharma _*📝“सुविचार"*📝_ 
_🌼 *“22/8/2021”*🎁_
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#“रक्षाबंधन”

#“भाई-बहन”
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Atul Sharma

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