कुछ अधूरा सा कुछ पूरा सा, रहा साथ तेरा मेरा रब से यह दुआ मेरी, हो साथ सात जन्म का तेरा मेरा हँसते रहे मुस्कुराते रहे, खुशियों के फूल खिलाते रहे ओर कंधे से कंधे मिलाकर, जीवन रथ को चलाते रहे दुःख आए तो दुःख का मिलजुल कर सामना करें बनकर हौसला एक दूजे का गमों से मुकाबला करें आरज़ू ना कोई और ना कोई तमन्ना है बस सूखी रोटी भी प्रेम से मिलकर खाएं हम 🎀 Challenge-234 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए।