किताबों कि दुनिया,मेरे होसलो कि दुनिया, सपना तुट जाये,कोई अपना रूठ जाये, तो मुझे मनाने ये किताबें चली आये....! सोचता हू ,ये दुनिया का हाल कही लिखा न होतो, तो ये बिता हुवा पल,हमे मालुम कहा होता..! ये किताबो कि दुनिया,बडीं प्यारी सी दुनिया, एक जगह बैठके,सारा जहाँ घुमने ले चली ये दुनिया...! सोच नही पाता,वहा तक जा नही पाता, वो ख्वाबो का मजंर,वो मेरे सामने ले आता, ये किंताबो कि दुनिया हैं,इसे मैं समज नही पाता ...! अकेला रहू तो ,तुझे मैं पढ़ू,भुल जाहू दुनिया, कही ओर चला जाहू, महज़ ये शब्दोंका जाल हैं,मेरे आने वाले सपनो का महाल हैं...! किताबों कि दुनिया,खुदको बदलनेके दुनिया, पढंता रहू इसे,कुछ बदलता,पाहू मैं मुझमें...! किताबों कि दुनिया....! -Atul सुप्रभात। किताबों की दुनिया ये नए नए ख़्वाबों की दुनिया। #किताबोंकीदुनिया #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi