तुम ही मेरे हमशफर मेरा पूरा संसार हो मेरे जीवन का गहना मेरा हर एक श्रृंगार हो दिल रूपी घर हूं में तो तुम उसकी हर दिवार हो तुम मनो या न मानो तुम तो मेरा अधिकार हो। ©Lalita patni kothari तुम । शिर्फ़ तुम