सुलझा हुआ मनुष्य वह है जो अपने निर्णय स्वयं लेता है और उन निर्णयो के परिणाम के लिए किसी दूसरे को दोष नहीं देता अर्थात एक बार शिष्य ने गुरु से पूछा अगर किस्मत पहले ही लिखी जा चुकी है तो कोशिश कर के क्या मिलेगा गुरु ने कहा क्या पता किस्मत में लिखा हो कि कोशिश करने से ही मिलेगा अर्थात सदैव कार्य के प्रति लगन रहिये