इंसान ख्वाहिशों के बोझ तले दब जाता है अगर सही तरह से निभाने वाली जीवनसाथी और बच्चे भी समझदार ना हो इसलिए संस्कार होना बहुत जरुरी है। ©Satish Kumar Meena ख्वाहिशों का बोझ