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सामर्थ कहां था कब मुझमें, जीवन का भार उठा पाता। दु

सामर्थ कहां था कब मुझमें,
जीवन का भार उठा पाता।
दुर्गम दुष्कर जीवन पथ में,
अपना किरदार निभा पाता।
जब तेरे हाथ में सौंप दिया,
पतवार हमारी नैया का,
तू चाहे भंवर में छोड़ मुझे,
या दे  दो दिशा किनारा का।

©Yadav Rajveer #भाव #ईश्वर  #साधना #शब्द #विचार
सामर्थ कहां था कब मुझमें,
जीवन का भार उठा पाता।
दुर्गम दुष्कर जीवन पथ में,
अपना किरदार निभा पाता।
जब तेरे हाथ में सौंप दिया,
पतवार हमारी नैया का,
तू चाहे भंवर में छोड़ मुझे,
या दे  दो दिशा किनारा का।

©Yadav Rajveer #भाव #ईश्वर  #साधना #शब्द #विचार
rajveerkumarrudr4747

Yadav Rajveer

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