हुआ सवेरा, भोर भई, "मानव" अब तो जागो तुम। 🏵️ छोड़ साथ झूठ और मिथ्या का, सत्य के पथ पर आगे बढ़ो, "मानव"अब तो जागो तुम। 🏵️ छोड़ निराशा के अँधेरों को, आशाओं के दीप जलाओ। "मानव" अब तो जागो तुम। 🏵️ कब तक रहोगे? बेबस, लाचार, थोड़ा धैर्य, थोड़ा साहस रखो। "मानव" अब तो जागो तुम। 🙏🏼🏵️🙏🏼 ©Preeti Naveen #Nojoto #poem #Quote #Life #Life_experience #positive #Morning