हम भी उस रास्ते चले थे जहां मुश्किलें ज्यादा आतीं हैं। हमें भी लगा था वो रोग, जो खुब सताती है। नया साल नई दिन हम भी मनाते थे, वो सिर्फ मेरी है दोस्तों को बताते थे।31दिसंबर वाली रात उसे हम भी सेरो शायरी सुनाया करते थे। पुरी रात उसे जगाया करते थे। ©Gajendra Kumar Singh #Stars Suraj Goswami Krishan Sharma meghna Bhardwaj