ये ज़लन कुछ भी नहीं तुम्हारे दिए ज़ख्म के आगे सितम कुछ ऐसा हुआ खत्म हो हीं नहीं रहा आज इस रौशनी के धागे...उफ.। ©payal kuwar #उफ्फ मे जान