कविता " मिलन का वक्त" जागता हूँ मैं साथी मेरा सो चुका होता है। जागता है साथी मेरा मैं सो चुका होता हूँ। हम दोनों एक जगह ही हैं। मगर मिलन का वक्त ठीक उसी वक्त बीत चुका होता है। *कश्मीर सिंह गांव व डाक रजेरा जिला चंबा हिमाचल प्रदेश